अंधेरे रोड पर हुई डरावनी चुड़ैल से मुलाकात
 - एक सच्ची कहानी

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरुण शर्मा है और आज मैं आपको अपनी ज़िंदगी की सबसे खौफनाक रात के बारे में बताने जा रहा हूँ। यह घटना आज भी जब याद करता हूँ, तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

शुरुआत
दो साल पहले की बात है। मैं और मेरा जिगरी दोस्त वीर मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे। हमें एक हफ्ते की छुट्टी मिली तो हमने सोचा कि क्यों न दिल्ली घूमने जाया जाए। हमने बिना समय गँवाए अगले ही दिन दिल्ली के लिए निकलने का फैसला कर लिया।

दिल्ली में हमने खूब मजे किए, हर जगह घूमें, बढ़िया खाना खाया और शानदार वक्त बिताया। मगर हमें क्या पता था कि हमारी ये मस्ती बहुत जल्द एक खौफनाक मंजर में बदलने वाली थी।

वापसी की रात
हमारी वापसी की बस लेट हो गई और जब हम मुंबई लौट रहे थे, तो रात हो चुकी थी। हमें जिस बस से जाना था, उसने हमें एक सुनसान कच्चे रास्ते पर उतार दिया। चारों तरफ घना अंधेरा था, दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। वीर को डर नहीं लग रहा था, मगर मैं अजीब-सा महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे कोई हमें देख रहा हो, हमें घूर रहा हो।

हमने पैदल ही चलना शुरू किया। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे थे, हवा की सरसराहट और आसपास का सन्नाटा हमारे डर को बढ़ाता जा रहा था। तभी अचानक, हमें सड़क किनारे एक लड़की खड़ी दिखाई दी। वह खूबसूरत थी और उसकी स्कूटी खराब हो गई थी। उसने मदद के लिए कहा, "भैया, क्या आप मुझे थोड़ा आगे तक छोड़ सकते हैं? मुझे अकेले बहुत डर लग रहा है।"

वीर को वैसे भी लड़कियों से बात करने का बहुत शौक था, तो वह झट से उसके पास चला गया और बोला, "बिल्कुल, हम तुम्हें छोड़ देंगे।"

मैंने वीर को धीरे से कहा, "मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा...।"

मगर वीर ने मेरी बात को नज़रअंदाज़ कर दिया और हम तीनों साथ चलने लगे। लड़की और वीर आपस में बातें कर रहे थे, और मैं चुपचाप चल रहा था। फिर अचानक, मेरी नज़र लड़की के पैरों पर पड़ी...

उल्टे पैर...!

मेरा दिल एक पल के लिए रुक सा गया। लड़की के दोनों पैर उल्टे थे! मैं हक-बक्का रह गया, मेरी साँसे तेज़ हो गईं।

मैंने धीरे से वीर के कान में कहा, "वीर... इसके पैर... देख...!"

जैसे ही वीर ने नीचे देखा, उसका चेहरा सफेद पड़ गया। उसकी आँखों में खौफ साफ झलक रहा था।

तभी लड़की ने हमें घूरकर देखा और उसकी हंसी अचानक भयानक चीख में बदल गई। उसका चेहरा विकृत होने लगा, आँखें खून जैसी लाल हो गईं और उसकी आवाज़ गूंजने लगी, "तुम लोग बच नहीं सकते...!"

भागो वरुण...!

वीर ने मेरा हाथ पकड़ा और चिल्लाया, "वरुण भाग! ये चुड़ैल है!"

हम दोनों जान बचाकर दौड़ने लगे। हमारी सांसें फूल रही थीं, मगर हम रुके नहीं। पीछे से उसकी डरावनी आवाज़ गूंज रही थी, "तुम नहीं बचोगे...! तुम नहीं बचोगे...!"

हम अंधेरे में दौड़ते रहे, काँपते हुए, हांफते हुए। जैसे ही हमने सड़क पार की, एकदम सन्नाटा छा गया। कोई आवाज़ नहीं... कुछ भी नहीं...

हमने पीछे मुड़कर देखा, वहाँ कोई नहीं था। मगर तभी हवा में एक डरावनी आवाज़ गूंजी, "आज तुम बच गए... मगर अगली बार नहीं...!"

हम दोनों काँपते हुए एक चाय की दुकान पर रुके और वहाँ के लोगों से इस जगह के बारे में पूछा। चायवाले ने हमें घूरते हुए कहा, "भाई साहब, आपकी किस्मत अच्छी थी जो आप बच गए। इस रास्ते पर कोई जिंदा नहीं बचता... यहाँ कई साल पहले एक लड़की का रेप हुआ था और उसे बेरहमी से मार दिया गया था। तभी से उसकी आत्मा इस सड़क पर भटकती है और जो भी यहाँ आता है, वो जिंदा वापस नहीं जाता।"

हम दोनों एक-दूसरे को देख रहे थे, हमारी आँखों में सिर्फ डर था। हम बिना देर किए वहाँ से निकले और कभी उस रास्ते की तरफ देखने की भी हिम्मत नहीं की।

आज भी जब वो रात याद करता हूँ, तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

तो दोस्तों, ये थी मेरी असली हॉरर कहानी। अगर आपको ये पसंद आई हो तो कमेंट करके बताइए... और हाँ, अगली बार किसी सुनसान सड़क पर किसी अजनबी को लिफ्ट देने से पहले दो बार जरूर सोचना...!

अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी है तों हमें कोमेंट में जरुर बताएं और इस भूतिया कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करना ना भूले धन्यवाद,